लक्ष्मी जी की आरती | धन, समृद्धि और सौभाग्य पाने का श्रेष्ठ उपाय

🌸 लक्ष्मी जी की आरती – धन, वैभव और सौभाग्य की अधिष्ठात्री देवी 🌸

 

जानिए लक्ष्मी माता की आरती, पूजन विधि और महत्व। नियमित रूप से लक्ष्मी जी की आरती करने से घर में धन, सौभाग्य और शांति बनी रहती है।

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🌺 लक्ष्मी जी की आरती का महत्व

 

हिंदू धर्म में माँ लक्ष्मी को धन, वैभव और सौभाग्य की अधिष्ठात्री देवी माना गया है। कहा जाता है कि जहाँ लक्ष्मी जी की कृपा होती है, वहाँ दरिद्रता और अशुभ शक्तियाँ नहीं टिक पातीं। दीपावली की रात्रि, शुक्रवार, और कोजागरी पूर्णिमा को लक्ष्मी पूजा विशेष फलदायी होती है।

आरती गाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा, शांति और समृद्धि का संचार होता है।

🪔 लक्ष्मी जी की आरती (Aarti of Maa Lakshmi)

 

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हर विष्णु विधाता।।
ॐ जय लक्ष्मी माता…।।

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।।
ॐ जय लक्ष्मी माता…।।

द्रविण लाच्छ्मी, तुम बिन कौन समाता।
जग में सम्पति की, तुम ही हो दाता।।
ॐ जय लक्ष्मी माता…।।

जो कोई तुमको ध्यावत, फल पावत साता।
तुम बिन दुःख निवारण, कौन सुभाता।।
ॐ जय लक्ष्मी माता…।।

तुम ही जग की भरणी, तुम ही पालन माता।
करुणा करो माँ, राखो लाज हमारी।।
ॐ जय लक्ष्मी माता…।।

🌼 आरती करने की विधि

 

  1. स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

  2. पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।

  3. माँ लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र पर पुष्प, चावल, धूप और दीप अर्पित करें।

  4. घी या कपूर का दीप जलाकर आरती करें।

  5. प्रसाद स्वरूप मिठाई, फल या खीर अर्पित करें।

  6. आरती के बाद शांतिपाठ करें और प्रसाद सबमें बाँटें।

 

💫 लाभ और आध्यात्मिक महत्व

 

लक्ष्मी जी की आरती करने से:

  • घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।

  • परिवार में शांति और सौहार्द बना रहता है।

  • व्यापार और करियर में सफलता और उन्नति मिलती है।

  • मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

 

🌷 निष्कर्ष

 

लक्ष्मी जी की आरती केवल पूजा का एक अंग नहीं, बल्कि यह आत्मिक संतुलन और समृद्धि का मार्ग है।
श्रद्धा, भक्ति और सच्चे मन से आरती करने वाला भक्त सदैव माँ की कृपा का पात्र बनता है।

जय माँ लक्ष्मी! 🙏

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